हम सब जानते हैं के ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम क मशहूर खिलाडी ब्रेट ली पक्ल(पर्ल्स इंडिया लिमिटेड ) के ब्रांड अम्बेस्डर थे लेकिन ऐसा क्यों किया गया उसके पीछे कारन ये है के अब पक्ल इंडिया से अपना पैसा इकठा करके ऑस्ट्रेलिया में इन्वेस्ट करना चाहते थे और ऐसे में उन्होंने ब्रेट ली को चुना और दूसरा यह भी कारण था के निर्मल सिंह भंगू की बेटी और दामाद भी ऑस्ट्राले में सेटल थे तो पूरा पैसा यहाँ से इकठा करना के बाद यहाँ से ऑस्ट्रेलिया भेजना सुरु किया और यह भी पाय गया के उनकी बेट और दमाद बड़े बड़े बंगलो में वह ऐश की ज़िंगगी जी रहे हैं यानि उनका बाप यह गरीबो से पैसा इकठा कर रहे हैं और वह सारा पैसा बेटी दामाद को पहुँच रहे है.
इन्वेस्टीगेशन से यह पता चला है की पक्ल ने २००९ में करीब करीब ४५० करोड़ इन्वेस्ट किया एक होटल को खरीदने में और फिर लहभग १३५ करोड़ खरच किये उसकी मरमत करवाने में.
Investigation में पता चल है की भंगू और उसकी फॅमिल ने वह गोल्ड कोस्ट प्रॉपर्टी डेवलपर क साथ मिलकर एक टीम बनाई जो की रिसोर्ट बनाने में पिछले कही सालो से माहिर थे.
इस तरह अब टीम में २ ऑस्ट्रलाई के डेवलपर और निर्मल सिंह बहंगू और उनका बीटा हरविंदर सिंह भंगू और उनका दामाद गुरप्रताप सिंह और उनकी दूसरी बेट बरिंदर कौर और उसका पति हरसरिन्दर भी शामिल हो गए मतलब अब पूरी की पूरी लूटेरी फॅमिली ने अपन काम ऑस्ट्रेलिया में सुरु कर दिया। और कंपनी का नाम रखा गया पक्ल ऑस्ट्रेलेशिया.
अब सितम्बर २०१४ में इनको लगा के अब हमारे राज़ धीरे धीरे खुलने लगा है या फिर इन फ्यूचर कोई इन्वेस्टीगेशन ना हो इन्होने पूरी तरह से पक्ल Australasia का नाम चेंज करने की सोची और पक्ल Australasia का नाम बदल कर MiiGroup of कम्पनीज रख दिया गया. अब MiiGroup of कम्पनीज को लोगो से जोड़ने क लिए एक और कंपनी बनाई गयी जिसका नाम Shac Communications रखा गया.
और Shac कम्युनिकेशन्स के मैनेजिंग डायरेक्टर बननाए गए Simone होल्जैफेल और जो की ऑस्ट्रेलिया के 28 प्राइम मॉनिटर Tony अब्बोट के रजनीतिक सलाहकार थे
लेकिन जब्ब इन्वेस्टीगेशन हुई तो MiiGroup ने पूरी तरह से हाथ हिला दिया और कहा के हमारा पक्ल से कोई रिश्ता नहीं है और मीग्रूप एक पूरी तरह से ऑस्ट्रेलियाई कंपनी है लेकिन यह जरूर बताया के Pearls Infrastructure Projects (PIPL) कंपनी ने हमारी कंपनी me कुछ इन्वेस्ट जरूर किया है लेकिन हमारा बुसिनेस सम्बन्धी कोई रिलेशन उसके साथ नहीं है
एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया के भंगू के बेटी और बरिंदर और उसका पति एक आलिशान बंगले में रहते है जो की ऑस्ट्रलाई का पॉश एरिया है यानी ऑस्ट्रलाई में उनका पैसा अब अचे इन्वेस्ट होगया और इन्वेस्टमेंट अब कमाकर भी देने लगी थी
प वेणुगोपाल जो की सेबी के एक सीनियर अफसर हैं उन्होंने बताया के मुझे नहीं लगत हम कुछ ज्याद रिकवर कर पाएंगे क्यूंकि इस परिवार की एक सोची समझी साजिस है पैसा हतियाने की और उसको धीरे धीरे बड़े ही दिमाग से इन्वेस्ट किया गया है और साथ ही ये भी बताया के युवराज िसंघ और हरभजन सिंह को पर्ल्स के प्रमोशन क लिए जो प्लॉट्स मोहाली में दिए गए हैं उनकी भी इन्वेस्टीगेशन अभी चल रही है.
और यह भी बताय के इन्वेस्टर्स से पैसा लेने क बाद पक्ल ने अपना पैसा सीधे ही ऑस्ट्रेलिया नहीं पहुंचे बल्कि उसको रुस्सियन बैंक क थ्रू वह पहुंचाया गया जोकि ट्रैक करना बोहत ही मुश्किल है
और एक रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है के पल्र्स अपने रिलेशन ऑस्ट्रेलिया के पॉलिटिक्स में और मजबूत करने क लिए अक्टूबर २०१० में कामनवेल्थ गेम्स के बहाने से Anna Bligh (37th Premier of Queensland) से और Peter Varghese (Secretary of the Department of Foreign Affairs) से मुलकात की.
रिकार्ड्स में मीटिंग पर्पस ढूंढा गे तो सबूतों में यह मिला के इस मीटिंग का उदेस्य क्वींसलैंड में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देना था यानि के साफ़ तोर पर भंगू एंड फॅमिली अब क्वींसलैंड में इन्वेस्ट करने क लिए सर्कार क साथ हाथ मिलाने को एक कदम आगे बढ़ गयी.
और जब्ब पहली बार सेबी ने १९९९ में पक्ल क अगेंस्ट कम्प्लेन की थी तो कोर्ट ने सेबी की अपील को ये कहते हुए खारिज क्र दिया था के पक्ल किस के अंडर नहीं आती और ऐसे धीरे धीरे पक्ल ने इन्वेस्टर्स को लूटना जारी रखा और अपन साम्राजय ५०००० करोड़ क पार पहुंचा दिया और ये भी नहीं पता के इतना पैसा कब्ब कैसे और कह इन्वेस्ट किया गया.
अब सिर्फ आशा है के पूरी रकम ही नहीं तो उसक ाकुछ हिस्सा तो इन्वेस्टर्स को मिल जाए जिससे वो संतुस्ट होकर और भारत की न्याय प्रणाली में विश्वास करते हुए फिरर से अपने काम धंधे में लग्ग जाए लेकिन ऐसा होता हुआ नज़र नहीं आ रहा है
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